April 15, 2020

Saja Do Ghar Ko Gulshan Sa, Mere Sarkar Aye Hain...


सजा घर को गुलशन सा,
मेरे सरकार आए हैं,
सजा दो घर को गुलशन सा,
मेरे सरकार आए हैं,
लगे कुटिया भी दुल्हन सी,
लगे कुटिया भी दुल्हन सी,
मेरे सरकार आए हैं,
सजा दो घर को गुलशन सा,
मेरे सरकार आए हैं।।

पखारो इनके की चरणों को,
बहा कर प्रेम की गंगा,
बहा कर प्रेम की गंगा,
बिछा दो अपनी पलकों को,
बिछा दो अपनी पलकों को,
मेरे सरकार आए हैं,
सजा दो घर को गुलशन सा,
मेरे सरकार आए हैं।।

उमड़ आँई मेरी आँखे,
देखकर अपने बाबा को,
देखकर अपने बाबा को,
हुईं रोशन मेरी गलियांँ
हुईं रोशन मेरी गलियांँ
मेरे सरकार आए हैं,
सजा दो घर को गुलशन सा,
मेरे सरकार आए हैं।।

तुम आकर फिर नहीं जाना,
मेरी इस सूनी दुनिया से,
तुम आकर फिर नहीं जाना,
मेरी इस सूनी दुनिया से,
कहूं हरदम यही सबसे,
मेरे सरकार आए हैं,
सजा दो घर को गुलशन सा,
मेरे सरकार आए हैं।।

सजा दो घर को गुलशन सा,
मेरे सरकार आए हैं,
सजा दो घर को गुलशन सा,
मेरे सरकार आए हैं,
लगे कुटिया भी दुल्हन सी,
लगे कुटिया भी दुल्हन सी,
मेरे सरकार आए हैं,
सजा दो घर को गुलशन सा,
मेरे सरकार आए हैं।।

**धन्यवाद **
**विश्वामित्र  द्विवेदी**







2 comments:

  1. बहुत सुंदर भजन कृपया ऐसे और भी भजन पोस्ट करिए धन्यवाद।

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